वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Fundamentals Explained



वशीकरण का आकर्षण पैदा होता है और आप आसानी से दुसरो के बिच अपनी बाते मनवा सकते है.

मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना के दौरान यही उर्जा सीधे सामने वाले पर असर करती है.

विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।

विधि: मंगलवार के दिन सबेरे हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। फिर उपर्युक्त मन्त्र को सवा लाख जपकर सिद्ध करें। इसके पश्चात् मस्तक पर चन्दन का तिलक लगाकर वहाँ से इसी मन्त्र का जप करते हुए इच्छित स्त्री या पुरुष के पास जाएं। इस क्रिया से वह आपके वश में हो जाएगा/हो जाएगी। अमुक के स्थान पर उसका नाम अवश्य लें। (और पढ़ें; हनुमान सिद्ध शाबर मंत्र

हां, यदि सही विधि और इरादे के साथ किया जाए तो यह प्रभावी हो सकता है।

ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यश्च मम सुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना का तिलक का उपाय

तिलक काठी में निकलू घर से मोहे सकल संसार

रक्त से सुशोभित देवी कामाख्या की दो भुजाएँ हैं और माथे पर सिन्दूर का तिलक है। वह चंद्रमा के समान उज्ज्वल और कमल के समान सुंदर है। रत्न आभूषण उनके शरीर की शोभा बढ़ाते हैं। वह रत्नों और माणिकों से जड़े सिंहासन पर विराजमान हैं। उन्नत पयोधर वाली देवी कामाख्या मंद-मंद मुस्कुरा रही हैं। श्यामवर्ण देवी सुन्दर नेत्रों वाली त्रिनेत्रा हैं। वह अनेक ज्ञान से घिरी हुई है। उसके पास डाकिनी-शाकिनी बंधी हुई हैं। हीरोइनें हाथों में तंबू लिए खड़ी हैं.

बड़ click here पीपल की थान, जहाँ बैठा अजाजील शैतान मेरी शबीह मेरी सूरत बन फलानी को जा रान, जो राने तो धोबी की नाद चमार की खाल कुलाल की माटी पड़े तो राजा चाहे राजा का, मैं चाहूँ अपने काज को, मेरा काम को, मेरा काम न होगा तो आनसी मैं तेरा दामनगीर रहूँगा।

हाँ, वशीकरण मंत्रों का उच्चारण करने से मन एकाग्र होता है और ध्यान की स्थिति में आता है। इन मंत्रों का उपयोग ध्यान प्रदान करने, मेधा बढ़ाने और मन को शांत करने के लिए किया जा सकता है।

ॐ नमो काल भैरव काली रात काला आया आधी रात चलै कतार बांधू तू बावन वीर पर नारी सो राखै सीर छाती घरिके वाको लाओ सोती होय जगा के लाओ बैठी होय उठा के लाओ शब्द सांचा पिण्ड काचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम आदेश गुरु का।

ॐ नमो अरिहताणं। अरे अरिणी मोहिनी। ‘अमुकी’ मोहय मोहय स्वाहा।

पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।

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